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इश्क़ में नाम मत कहो (GAZAL)

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इस सहर को सर-ए-शाम मत कहो हाथ इमरित है इसे जाम मत कहो * नज़र से बातें हुई फ़िर और बातें हुई बात से डर कर कत-ए-कलाम मत कहो * आप मेरी फ़िक्र करे हम आपकी करतें हैं यह इश्क़ का डोर है इसे लग़ाम मत कहो * ख़त बिना लौट कर आना नामाबर का दास्ताँ मुकम्मल है फ़क़त पयाम मत कहो * नाम होगा शायरी में उनका कहीं न कहीं पढ़ लिया हो अगर नाम सरेआम मत कहो * नाम ले लेकर, कर बदनाम देते हैं लोग रस्म हो यह इश्क़ में नाम मत कहो * इश्क़,मुहबत,अमन ही अल्लाह का पैगाम है गर लगाये पाबंदी कोई उसे इमाम मत कहो * सफ़र पर निकल गए हो तो चलते चलो 'सिंह' छाँव है जगह जगह पर अराम मत कहो                                                          राहुल सिंह