सत्ता से सवाल करना सीखो
उस समय भी तुम में से कोई मेरे साथ खड़े नहीं हुए थे और आज भी नहीं हो... उस समय भी मेरी बात नही समझे थे आज भी नहीं समझना चाहते... हर मुद्दे को भटकाने के लिये एक मुद्दा है.. हर जुमले को छिपाने के लिये एक जुमला है .. पहले काँग्रेस ने उल्लू बनाया और अब भाजपा अपना उल्लू सीधा कर रही है... सरकार से सवाल करना नहीं सीखे तो कल कोई तीसरा तुम्हें मूर्ख बना रहा होगा... तुम हर बार अपना हाथ इसलिए जलओगे की थोड़ा हाथ जलने के बाद रोटी ज़रूर नसीब होगी लेकिन रोटी आज भी तुमसे कोसों दूर है कल भी होगी... बस चेहरे दूसरे होंगे सरकार दूसरी होगी... नहीं समझना चाहते मत समझो... लेकिन मैं तुमलोगों की तरह ख़ास तरह का अंधा और गूँगा नहीं हूँ... मैंने कल भी आवाज़ उठाया था आज़ भी उठा रहा हूँ.. © राहुल सिंह (चित्र भी मेरे द्वारा ही लिया गया है )