जनता हो परेशान...हम तो चले जापान! (गीत)


जनता हो परेशान 
हम तो चले जापान 
रे भैया 
हम तो चले जापान 
जनता हो परेशान..

बड़े दिनों से पाई पाई जोड़ 
पैसा रखा बचाय 
थोड़े से छप्पर छावायें 
और बेटी लें बियाह 
 रे भैया 
कैसे लें बियाह
 रे भैया 
कैसे लें बियाह  

पैसा सब पानी भया 
जब से फ़रमान दिया सुनाय(२) 
जनता हो परेशान ... 

घर बार सब छोड़ आए 
कुछ पैसा लें कमाय (२)
अपना कर्जा लें उतार 
रे भैया 
कैसे लें उतार 
की लम्बी भ गयी क़तार 
रे भैया 
लम्बी भई कतार (२)

जब से फ़रमान दिया सुनाय 
जनता हो परेशान... 

बड़े जतन से खेत जोत कर 
हेंगा दिया चलाय 
आज शाम पटवन करके 
बीज लेंगे मंगाए 
रे भैया 
कैसे लें मंगाए
की भ गया बंद नोट 
रे भैया 
भ गया बंद नोट  

जब से फ़रमान दिया सुनाय 

जनता हो परेशान... 

© राहुल सिंह



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सिमी-राकेश (लप्रेक)

मिट्टी का सामान बनाना कितना मुश्क़िल?

क्या आप एक कार्यकर्ता को याद रखना चाहेंगे?