मोनिका-विश्वा (लप्रेक )


"... विश्वा तुम हाथ पीछे रखकर क्यों चल रहे हो ? तुम्हारे हाथ में कुछ है क्या ? बताओ मुझे। अरे यह तो गुलाब है। मेरे लिए लाये हो न ? तो फिर छिपा क्यों रहे थे ? तुम दुनिया से डरते हो क्या ? ... "

"हाँ, मैं डरता हूँ। प्यार में डरना होता है। अगर नहीं डरे तो दुनिया की हर शक्ति डराने पर उतारू हो जायेगी। दुनिया चाहती है की जो प्यार करे वो डरे। असल में यहाँ प्यार करने की योग्यता 'डर' है। जो डरा नहीं समझो प्यार किया नहीं। "

"... चल हट झूठे ! मैंने तो सुना है कि प्यार करने वाले कभी डरते नहीं ! तुमने सलमान की फ़िल्म 'प्यार किया तो डरना क्या' शायद नहीं देखी। "

"देखी है मैंने, और उसमें भी सलमान डरता तो है ही...काज़ोल के भाई से !"

"... छोड़ो यार। तुम न कुछ भी बोलते हो। मैं तो नहीं डरती किसी से....मुझसे सीखो !"

"अच्छा ! फिर यह स्कॉफ तुमने क्यों बाँध रखा है ?"

"ताकि लोग मुझे पहचान न ले। कोई मुझे तुम्हारे साथ देख न ले "

"इसका मतलब मोनिका तुम जाहिर होने से डरती हो। प्यार में जाहिर होने से डरती हो। "

"हाँ तुम सही कहते हो। डरती तो मैं भी हूँ। "

"फिर अभी शेरनी होने का दिखावा क्यों कर रही थी। "

"क्योंकि मैं इस बात से ज़्यादा डरती हूँ कि किसी को यह पता न चल जाए की मुझे यहाँ डर लगता है। मुझे अपना हिंदुस्तान प्यारा है। मैं नहीं चाहती की कोई मुझे पाक़िस्तान जाने के लिए बोल दे। "

"मोनिका तुम्हे अचानक क्या हो गया जो तुम 'हिंदुस्तान-पाक़िस्तान' की बात करने लग गयी ?"

"विश्वा तुम्हें शायद आमिर खां की वह इंटरव्यू याद नहीं। यूटुब पर वह वीडियो है,  कभी इतमिनान से देखना। फिर तुम भी मेरी तरह प्यार में डरना छोड़ दोगे। ...."


                                                                   ~ राहुल सिंह 

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