LYRICS(LOVE SONG)
बातें दिलों की तुम्हें बता न सका
कितना प्यार है मुझे , ये जता न सका
तुम सामने से गुजरती रही
और मै तुम्हे कभी टोक न सका
दिल में दबे जो अरमा थे
वो कभी हो न सके
फ़ूहड़ बाँस से बने इन पन्नों को
प्यार की स्याही में डुबाया
दिल में बसी चाहत को
अलंकारों से सजाया
मंच पर खड़ा किसी कवि सा
तनहाई में भुनभुनाया
लेकिन, बातें दिलों की तुम्हें बता न सका
कितना प्यार है मुझे , ये जता न सका
(© राहुल सिंह)
तुम सामने से गुजरती रही
और मै तुम्हे कभी टोक न सका
उड़ते हुए इन भँवरो सा, मै भी तो घुमा था
(© राहुल सिंह)
जमाने मे हुए आशिको सा, मै भी तो खुद को भूला था
फिर क्या कमी रह गयी
जो तू मेरे आँखों में खुद को देख न सकी
मै तो ठहरा पागल, जो
बातें दिलों की तुम्हें बता न सका
कितना प्यार है मुझे , ये जता न सका
तुम सामने से गुजरती रही
और मै तुम्हे कभी टोक न सका
~ LYRICS BY Rahul Singh
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