वायदा प्यार का

                 वायदा प्यार का(कहानी) 

दिन के कोई ढाई बज रहे थे। गंगा घाट पर बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था। गर्म हवा के सनसनाहट और लहरो के उफान कि आवाजे साफ सुनाई पड रही थी कि तभी किसी कि सिसकने कि आवाज सुनाई दि । एक लडकी आँख  मे आँसू  लिए बडी तेजी से गंगा तट कि ओर बढ रही थी।वह NIT कालेज कि छात्रा संध्या थी। वह गंगा मे छलांग लगाने ही वाली थी कि उसे किसी ने अपनी तरफ खींचा, सहसा उसका सम्मोहन टूटा और वह विवेक को देखते ही रोने लगी। अपनी सिसकियो भरी आवाज मे कहने लगी
छोड दो मुझे, मर जाने दो मुझे... तुम सही थे... उसने मुझे धोखा दिया...उसे मुझसे कभी प्यार था ही नही... उसने मेरा इस्तमाल किया है...
दरअसल संध्या और विवेक एक ही गांव से थे। दोनो के घर-परिवार का आपस मे गहरा संबंध था। दोनो ने साथ मे स्कूल कि पढाई की थी, इंजिनियरिंग कालेज मे भी दोनो ने एक साथ दाखिला लिया था। संध्या को हमेशा से शहरी संस्कृति अपनी ओर आकर्षित करते थे। उसे हमेशा सलवार-कमीज मे जकड़ा रहना बिल्कुल पसंद नही था। शहर आने के बाद वह खुशी से झूम उथी थी। शहर आते ही हाथ मे androide फोन आ गया था, बदन पर सलवार- कमीज के जगह जींस- टी.शर्ट और मिनि स्कर्ट आ गये थे। कालेज मे जब लडके उसे घूरते तो उसे अपनी खूबशूरती पर गर्व होता था। जबकि विवेक पहले जैसा ही रहना पसंद करता था। संध्या ने विवेक को भी कितनी बार hair style change करने को कहा था और उसके मना करने पर चम्पु कह कर चिढाया करती थी। सिर्फ संध्या ही नही कलास के अधिकतर विद्यार्थी भी उसे इसी संज्ञा से पुकारते थे। शायद यही कारण था की संध्या विवेक के साथ कम रहना पसंद करने लगी थी। कालेज FEST के बाद वो अपने  कालेज के ही एक सिनियर कि ओर काफी आकर्षित हुई थी जो कि कलेज के बेहतरीन dancers मे से एक था। उसका नाम जानने के बाद संध्या ने सबसे पहले उसका नाम श्रीकांतफेसबुक पर सर्च करके friend request भेजा था । संध्या ने यह बात विवेक को भी बताई थी, विवेक को पता था कि श्रीकांत कि पहले से ही एक girlfriend है जो कि किसी दूसरे कालेज मे पढ्ती है अत: वह संध्या को मना कर रहा था। दोनो पहले फेसबुक पर दोस्त बने और फिर श्रीकांत ने संध्या को प्रपोज कर दिया। संध्या के लिये यह अनोखा एहसास था।








 दोनो एक साथ खूब समय बिताते, फिल्मे देखने जाते, शोपिंग करते, हर चीज करते।समय बितता गया दोनो एक दुसरे के करीब और करीब आते गये। इतने करीब की  कई बार तो संध्या घर जाने के बहाने होस्टल से outing लेकर छुटीया श्रीकांत के साथ उसके flat पर बिताती। इस दौरान कई बार श्रीकांत ने संध्या से शादी करने का वायदा किया था।

                 इसी बीच तीन वर्ष बीत गये। श्रीकांत कि इनजिनियरिंग की पढाई समाप्त हो गयी। इंजीनियरिंग की समाप्ति के बाद श्रीकांत कुछ समय संध्या के साथ गुजार कर एक बार फिर शादी का वायदा कर अपने घर चला गया। कुछ दिन के पश्चात संध्या को गर्भवती होने का एहसास हुआ और वो ये बात श्रीकांत को बताई। यह सब सुनने के बाद श्रीकांत संध्या का कॉल को नज़र अंदाज करने लगा यहाँ तक की फेसबुक और व्हाट्सऐप से भी दूरी बना लिया । संध्या के लिए यह सब असहनीय था। वह बिलकुल टूट सी गयी थी और गंगा माँ के गोद में सो जाना चाहती थी।            



                            ~ राहुल सिंह 

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