आज के नेताजी

                                आज के नेताजी 

एक थे नेताजी 
वो...'नेताजी' नहीं
ये थे 'आज के नेताजी ' 

इन्होने ने भी लड़ाई लड़ी 
लेकिन देश के लिए नहीं 
 वोट के लिए 

सत्ता में आने से पहले 
घोर भाषणबाजी की 
बिलकुल 'नेताजी' की तरह 
फर्क सिर्फ इतना था 
सच कम, झूठ ज्यादा था 

सत्ता में आने से पहले 
इन्होने घर-घर जाकर जूते  साफ किये ,
तलवे चाटें, हाथ-पांव जोड़े 
यहाँ तक की झाड़ू - पोंचा भी किया 

लेकिन सत्ता में आने के बाद 
सूद समेत वापस भी लिया 
यही है 'आज के नेताजी' की क्रिया। 

एक नगर में बम फटा 
और नेताओं ने हिदायत दी 
चल देख आएं नाक कटी 
नेताजी भड़के 
बोलें, अगर नगर में और बम हुआ तो ?
हम उड़ जायेंगे ज्यों धुँआ 

जब पांच साल ख़त्म होने को आया 
तब इन्होने अपनी क्रिया फिर दोहराई 
क्योंकि ये है 'आज के नेताजी' 
वो.… 'नेताजी' नहीं

                           ~  राहुल-सिंह   


  

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